Dilip kumar autobiography in hindi

Actor Dilip Kumar /दिलीप कुमार उर्फ़ मोहम्मद युसुफ़ ख़ान भारतीय हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता थे। कुमार अपने दौर का बेहतरीन सुपर स्टार माने जाते थे। त्रासद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे ‘ट्रेजडी किंग’ भी कहा जाता था। और सत्यजित राय ने भी उन्हें “दी अल्टिमेट मेथद एक्टर” का दर्जा दिया हैं। दिलीप कुमार जी एक प्रतिष्ठित अभिनेता है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा जगत में 5 दशक तक योगदान दिया।  

दिलीप कुमार का जीवन परिचय – Dilip Kumar Curriculum vitae In Hindi

पूरा नाम  – दिलीप कुमार (मोहम्मद युसुफ़ ख़ान)
जन्म      –  11 दिसम्बर, 1922
जन्म स्थान –  पेशावर, (अब पाकिस्तान)
मृत्यु – 7 जुलाई 2021 (मुंबई)
राष्ट्रीयता  –  भारतीय
उपलब्धि  –  अभिनेता, ट्रेजिडी किंग

दिलीप कुमार को भारतीय फ़िल्मों में यादगार अभिनय करने के लिए फ़िल्मों का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार के अलावा पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-इम्तियाज़’ से से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा वह वर्ष 2000 मे वे भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रह चुके है।

 प्रारंभिक जीवन – Early Life of Dilip Kumar 

दिलीप कुमार  का जन्म 11 दिसम्बर, 1922 को वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर शहर के किस्सा खावानी बाज़ार में हुआ था जो की अब ख्यबेर पख्तुन्खवा, पकिस्तान के नाम से जाना जाता हैं। उनके बचपन का नाम ‘मोहम्मद युसूफ़ ख़ान’ – Mohammad Yushuf Khan था। उनके पिता का नाम लाला ग़ुलाम सरवर था वे एक धनि और फलो के व्यापारी थे जो फल बेचकर अपने परिवार का ख़र्च चलाते थे। और मा का नाम आयशा बेगम था। विभाजन के दौरान उनका परिवार मुंबई आकर बस गया। उनके पिता ने पेशावर और देओलाली (महाराष्ट्र, भारत) में बगीचा भी ख़रीदा था।

उनका शुरुआती जीवन तंगहाली में ही गुजरा। 1940 के आस-पास जब वे एक किशोर थे और अपने पिता के परिवर्तन के बाद दिलीप कुमार ने अपने घर को छोड़ दिया। घर छोड़ने के बाद ईरानीयाँ कैफ़े के मलिक की सहायता से कुमार एक कैंटीन कांट्रेक्टर ताज मोहम्मद शाह से मिले जो पेशावर के समय से ही उनके पिता के करीबी थे।

अपने परिवार के बारे में बताने से पहले ही उन्हें अपने ज्ञान और अच्छी इंग्लिश बोलने की वजह से वहा जॉब मिल गयी। वे कैंटीन में काम करने लगे थे। यहीं देविका रानी की पहली नज़र उन पर पड़ी और उन्होंने दिलीप कुमार को अभिनेता बना दिया। देविका रानी ने ही ‘युसूफ़ ख़ान’ की जगह उनका नया नाम ‘दिलीप कुमार’ रखा। जिसके बाद 1944 में उन्हें ज्वार भाटा फिल्म में लीड एक्टर का रोल मिला, इसे दिलीप जी की पहली फिल्म माना गया।

पच्चीस वर्ष की उम्र में दिलीप कुमार देश के नंबर वन अभिनेता के रूप में स्थापित हो गए थे। दिलीप कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नाशिक के नजदीक देओलाली की प्रेस्टीजीयस बार्नेस स्कूल से ग्रहण की थी।

फिल्मी करियर  – Dilip Kumar Career 

दिलीप कुमार ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1944 मे फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से की। हालांकि यह फ़िल्म उतना सफल नहीं रही। उनकी पहली हिट फ़िल्म “जुगनू” थी। 1947 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म ने बॉलीवुड में दिलीप कुमार को हिट फ़िल्मों के स्टार की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। 1949 में फ़िल्म “अंदाज़” में दिलीप कुमार ने पहली बार राजकपूर के साथ काम किया। यह फ़िल्म एक हिट साबित हुई। दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फ़िल्मों में गंभीर भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हें ‘ट्रेजडी किंग’ कहा जाने लगा।

मुग़ले-ए-आज़म (1960) में उन्होंने मुग़ल राजकुमार जहाँगीर की भूमिका निभाई। “राम और श्याम” में दिलीप कुमार द्वारा निभाया गया दोहरी भूमिका (डबल रोल) आज भी लोगों को गुदगुदाने में सफल साबित होता है। 1970, 1980 और 1990 के दशक में उन्होंने कम फ़िल्मों में काम किया। इस समय की उनकी प्रमुख फ़िल्में थीं: क्रांति (1981), विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज़्ज़तदार (1990) और सौदागर(1991)। 1998 में बनी फ़िल्म “क़िला” उनकी आखिरी फ़िल्म थी।

उन्होने रमेश सिप्पी की फिल्म शक्ति मे अमिताभ बच्चन के साथ काम किया। इस फिल्म के लिए उन्हे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला। वे आज भी प्रमुख अभिनेताओ जैसे शाहरूख खा़न के प्रेरणास्रोत्र है।

1996 मे दिलीप कुमार जी ने निर्देशक के रूप मे हाथ आजमाना चाहा और कॅलिंगा नाम के फिल्म बनाने की तैयारी की, पर किसी वजह से फिल्म बनने से पहले बंद हो गयी।

लव अफेर और शादी –  Dilip Kumar Love Affair

दिलीप कुमार की लव लाइफ की बात की जाए तो दिलीप कुमार सबसे पहले अभिनेत्री कामिनी कौशल से प्यार करते थे। लेकिन उनकी शादी नही हो पायी। परिणामस्वरूप, दिलीप कुमार को बाद में अभिनेत्री मधुबाला से प्यार हुआ लेकिन दोनों के परिवारों ने उनका विरोध किया। बाद में फ़िल्मी जानकारों ने वयजंतिमाला को दिलीप कुमार का तीसरा प्यार बताया। दोनों ने ही अपने करियर में 1955 से 1968 के दरमियाँ काफी सफल फिल्मे भी दी। लेकिन अंततः 1966 में दिलीप कुमार ने अभिनेत्री सायरा बानू से शादी कर ली, जो उस समय उनसे 22 साल छोटी थी। दिलीप कुमार ने 1980 में अस्मा से दूसरी शादी भी की, लेकिन उनकी यह शादी ज्यादा समय तक नही टिक सकी और दोनो अलग हो गये।

सायरा बानो के मुताबिक दिलीप कुमार को वह तब से चाहती थीं जब वो केवल 12 साल की थीं। 1952 में रिलीज हुई ‘दाग’ में दिलीप कुमार को देखने के बाद वे उन्हें अपना दिल दे बैठी थीं। वहीं, दिलीप कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हे सायरा से तब प्यार हुआ जब वो उनकी बर्थडे पार्टी में गए थे।

सम्मान और पुरस्कार – Dilip Kumar Awards 

दिलीप कुमार को हिंदी सिनेमा का एक चमकता सितारा और महान कलाकार कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन में कई बार बेस्ट एक्टर के लिये वर्ड अवार्ड जीते है, और यह खुद में ही एक रिकॉर्ड है। अपने करियर में उन्हें बहुत सारे पुरस्कार मिले है जिनमे 8 बेस्ट एक्टर फिल्मफेयर अवार्ड और 19 फिल्मफेयर नामनिर्देशन शामिल है.

1933 में उन्हें अपनी फिल्मफेयर की तरफ से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया था।

1980 मे उन्हें सम्मानित करने के लिए मुंबई का शेरिफ घोषित किया गया। 1995 मे उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आंध्रप्रदेश सरकार ने 1997 में उन्हें एनटीआर नेशनल अवार्ड देकर सम्मानित किया था. 1998 मे उन्हे पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ भी प्रदान किया गया। 2009 में सीयियी-इब्न ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देकर सम्मानित किया था। और 2015 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार – Dilip Kumar Awards

1983 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – शक्ति
1968 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – राम और श्याम
1965 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – लीडर
1961 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – कोहिनूर
1958 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – नया दौर
1957 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – देवदास
1956 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – आज़ाद
1954 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – दाग

निजी जीवन – Dilip Kumar Personal Strength in Hindi

दिलीप कुमार जीतने बड़े स्टार है उससे कही ज़्यादा खुले दिल के इंसान हैं। सन 2000 से दिलीप जी संसद के सदस्य बन गए, वे एक बहुत अच्छे सामाजिक कार्यकर्त्ता है, जो हमेशा जरूरतमंद की मदद के लिए आगे रहते है। उन्होने हमेशा पाकिस्तान और भारत के लोगो को जोड़ना चाहते थे।

दिलीप कुमार द्वारा भारतीय फिल्म दिया गया योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और हमारी भी दुआ की वो हमेशा स्वस्थ रहे।

दिलीप कुमार का निधन – Dilip Kumar Reach in Hindi

दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) लंबी बीमारी के बाद 98 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में 7 जुलाई 2021 को उनका निधन हो गया। दिलीप कुमार काफी समय से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद उन्हें 29 जून को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दिलीप कुमार के निधन से फिल्म जगत समेत देशभर में शोक की लहर रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की दिग्गज हस्तियों ने दिलीप कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया।


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